
रसशास्त्र में खनिज द्रव्यों को उनके गुण, उपयोगिता, विषाक्तता एवं संस्कार की आवश्यकता के आधार पर वर्गीकृत किया गया है।
मुख्य आधार –
- गुण एवं प्रभाव (औषधीय महत्त्व)
- संस्कार की आवश्यकता (शोधन, मरण इत्यादि)
- विषाक्त या अविषाक्त स्वरूप
- रसायनात्मक व औषधीय उपयोगिता
अपक्व (अपक्क) अभ्रकभस्म सेवन से हानि
यदि अभ्रक भस्म (Mica Ash) उचित अमृतीकरण, पुटन, शोधन के बिना सेवन कर लिया जाए तो—
- पेट दर्द, दस्त, उल्टी
- यकृत एवं वृक्क पर प्रतिकूल प्रभाव
- शरीर में पारा, आर्सेनिक या अन्य धात्विक अशुद्धियों के कारण विषाक्तता
- रक्तविकार, त्वचा रोग
- दीर्घकाल में जठराग्नि मंद होना एवं दोषों की वृद्धि
👉 इसलिए अपक्व भस्म सेवन निषिद्ध है।
महारसाः (Maharasa)
ये वे धातु-खनिज हैं जो अत्यन्त महत्त्वपूर्ण और औषधियों में सर्वाधिक उपयोगी माने गये हैं।
महारस के उदाहरण –
- अभ्रक (Mica)
- वैक्रान्त (Tourmaline)
- मक्षिक (Pyrites)
- वंग (Tin)
- नाग (Lead)
- यशद (Zinc)
- ताम्र (Copper)
- लौह (Iron)
महारस वर्गीकरण दर्शक तालिका
| क्रमांक | महारस का नाम | आधुनिक नाम | उपयोगिता |
|---|---|---|---|
| 1 | अभ्रक | Mica | रसायन, पुनर्जनन शक्ति |
| 2 | वैक्रान्त | Tourmaline | वात-पित्त शमन |
| 3 | मक्षिक | Pyrites | यकृत रोग नाशक |
| 4 | वंग | Tin | मधुमेह, मूत्ररोग |
| 5 | नाग | Lead | अर्श, प्रमेह |
| 6 | यशद | Zinc | नेत्र रोग, मधुमेह |
| 7 | ताम्र | Copper | यकृत, प्लीहा रोग |
| 8 | लौह | Iron | पाण्डु, क्षय |
रस वर्गीकरण दर्शक तालिका
(यहाँ “रस” शब्द मुख्यतः पारा एवं उससे जुड़े खनिज/धातुओं के लिए प्रयुक्त होता है।)
| वर्ग | द्रव्य | विशेषता |
|---|---|---|
| रस | पारद (Mercury) | सभी योगों में प्रधान, रसायन, विषनाशक |
| महारस | अभ्रक, लौह, ताम्र आदि | धातु व खनिज औषधियाँ |
| उपरस | हरताल, मनःशिला आदि | संस्कार के बाद उपयोग योग्य |
| साधारण रस | खनिज क्षार, लवण आदि | सामान्य चिकित्सा में उपयोग |
उपरस वर्गीकरण दर्शक तालिका
| क्रमांक | उपरस | आधुनिक नाम | गुण/हानि |
|---|---|---|---|
| 1 | हरताल | Orpiment (Arsenic trisulfide) | कुष्ठ, त्वचा रोग – विषैला |
| 2 | मनःशिला | Realgar (Arsenic disulfide) | त्वचारोग – अति विषैला |
| 3 | गौरीपाषाण | Chalk | अम्लपित्त नाशक |
| 4 | कसीस | Green vitriol (Ferrous sulphate) | रक्तवर्धक |
| 5 | गेरु | Red ochre (Ferric oxide) | रक्तस्तम्भक |
| 6 | तुत्था | Blue vitriol (Copper sulphate) | नेत्र रोग |
| 7 | अञ्जन | Antimony sulphide | नेत्र औषधि |
| 8 | कण उपरस | विविध | रोगानुसार |
उपरसों का वर्गीकरण
उपरस वे खनिज पदार्थ हैं जो पारा के समान मुख्य नहीं, लेकिन औषधि निर्माण में सहायक हैं।
इन्हें इस प्रकार वर्गीकृत किया गया है –
- विषम उपरस – (विषैला, शोधन आवश्यक) → हरताल, मनःशिला
- अविषम उपरस – (कम विषैला, आसानी से उपयोग योग्य) → गेरु, गौरीपाषाण, तुत्था आदि