
🥗 यूनिट का नाम: पोषण की आवश्यकता (Nutrition Need)
📌 पोषण और उसका महत्व
❖ परिभाषा (Definition):
पोषक तत्व (Nutrients) भोजन के वे घटक होते हैं जो हमारे शरीर में महत्वपूर्ण कार्य करते हैं। यदि ये पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में शरीर में उपस्थित न हों तो स्वास्थ्य बिगड़ जाता है।
❖ मुख्य पोषक तत्वों में शामिल हैं:
- कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrates)
- प्रोटीन (Proteins)
- वसा (Fats/Lipids)
- विटामिन (Vitamins)
- खनिज (Minerals)
- पानी (Water)
✅ पोषण का महत्व:
- शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है (कार्बोहाइड्रेट, वसा, प्रोटीन)।
- शरीर की ऊतकों को बनाने और मरम्मत करने में सहायक।
- कार्य और खेल के लिए ऊष्मा और शक्ति प्रदान करता है।
- शरीर की प्रक्रियाओं को नियंत्रित करने और सुरक्षा प्रदान करने में सहायक।
- विकास और वृद्धि में सहायक।
- रोगों की रोकथाम और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है।
- कुपोषण और मृत्यु से बचाव करता है।
🔍 पोषण स्थिति को प्रभावित करने वाले कारक:
- शारीरिक और शरीर-क्रियात्मक कारक
- लिंग (Gender)
- सांस्कृतिक परंपराएं
- भोजन की पसंद/नापसंद
- धार्मिक मान्यताएं
- जीवनशैली
- आर्थिक स्थिति
- मानसिक स्थिति
- स्वास्थ्य की स्थिति
- पर्यावरणीय कारक
- अस्पताल में भर्ती होना
🩺 पोषण संबंधी जरूरतों का मूल्यांकन (Assessment of Nutritional Needs):
किसी व्यक्ति में कुपोषण के लक्षणों की पहचान के लिए पोषण स्थिति का मूल्यांकन किया जाता है। इसके मुख्य घटक हैं:
1. मानव मापन (Anthropometric Measurements):
- बीएमआई (BMI – Body Mass Index):
\text{BMI} = \frac{\text{वजन (किग्रा)}}{\text{लंबाई (मीटर)²}}
- सामान्य वजन: 18.5 – 24.9
- अधिक वजन: 25 – 29.9
- मोटापा: BMI ≥ 30
- ट्राइसेप्स स्किनफोल्ड मोटाई (Triceps Skinfold):
ऊपरी भुजा की मध्य रेखा पर त्वचा की मोटाई मापी जाती है। - मिड-आर्म परिधि (Mid Arm Circumference):
कंधे और कोहनी के बीच मध्य बिंदु पर मापी जाती है। - मिड-आर्म मसल एरिया (MAMA):
यह लीन बॉडी मास (पतला शरीर द्रव्यमान) का अनुमान लगाने में मदद करता है।
2. जैव-रासायनिक परीक्षण (Biochemical Tests):
शरीर में पोषक तत्वों की सटीक और वस्तुनिष्ठ जानकारी देते हैं, जैसे – हीमोग्लोबिन, सीरम एल्ब्यूमिन, शुगर आदि।
3. नैदानिक मूल्यांकन (Clinical Data):
शारीरिक जांच से पोषण की कमी या अधिकता के लक्षणों की जानकारी मिलती है।
4. आहार संबंधी आदतें और डेटा (Dietary Habits and Data):
नर्स को मरीज़ से निम्नलिखित बातें पूछनी चाहिए:
- भोजन की आदतें
- पसंद/नापसंद
- भोजन की आवृत्ति
- कोई विशेष आहार या धार्मिक/सांस्कृतिक प्रतिबंध
आहार मूल्यांकन की विधियाँ:
- 24 घंटे का भोजन स्मरण
- भोजन आवृत्ति रिकॉर्ड
- फूड डायरी
- डाइट हिस्ट्री
🍽️ विशेष आहार की समीक्षा (Review of Special Diets):
बीमारियों के इलाज में विशेष आहार का उपयोग किया जाता है।
1. क्लियर लिक्विड डाइट (Clear Liquid Diet):
- तरल पेय जैसे पानी, चाय, कॉफी, साफ जूस, शर्बत।
- ऐसे मरीज़ों को दिया जाता है जिन्हें ठोस खाना सहन नहीं होता।
2. फुल लिक्विड डाइट (Full Liquid Diet):
- जब मरीज़ निगल नहीं पाता, तो उसे दूध, पतली खीर, सूप, स्मूदी दी जाती है।
3. सॉफ्ट डाइट (Soft Diet):
- पचने में आसान खाना जैसे खिचड़ी, उबली सब्जियाँ।
4. फुल डाइट (Full Diet):
- सामान्य संतुलित आहार (शाकाहारी या मांसाहारी)।
🥗 अन्य चिकित्सकीय आहार (Therapeutic Diets):
DASH डाइट (Hypertension के लिए):
- फल, सब्जियाँ, मछली, कम वसा वाले डेयरी उत्पाद।
- शुगर, वसा और नमक सीमित।
वसा-नियंत्रित आहार (Fat-Restricted Diet):
- पाचन रोगों, पित्ताशय की समस्याओं, गैस्ट्रिक रिफ्लक्स आदि में।
- तला हुआ भोजन और अधिक वसा वाले खाद्य पदार्थों से परहेज।
सोडियम-नियंत्रित आहार (Sodium-Restricted Diet):
- उच्च रक्तचाप, दिल की बीमारी, किडनी रोग में।
- अचार, पापड़, नमकीन, डिब्बाबंद और नमक वाले खाद्य पदार्थ से बचें।
प्रोटीन-नियंत्रित आहार (Protein-Restricted Diet):
- किडनी और लिवर की बीमारियों में।
- प्रोटीन कम और ऊर्जा ज्यादा देने वाले खाद्य जैसे केला, मीठा आलू, सफेद चावल।
आयरन युक्त आहार (Iron-Rich Diet):
- एनीमिया में उपयोगी।
- आयरन युक्त खाद्य: हरी सब्जियाँ, अंडा, गुड़, चना, राजमा, बाजरा, चिक्की।