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यूनिट का नाम: पोषण की आवश्यकता (Nutrition Need

🥗 यूनिट का नाम: पोषण की आवश्यकता (Nutrition Need)

📌 पोषण और उसका महत्व

परिभाषा (Definition):

पोषक तत्व (Nutrients) भोजन के वे घटक होते हैं जो हमारे शरीर में महत्वपूर्ण कार्य करते हैं। यदि ये पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में शरीर में उपस्थित न हों तो स्वास्थ्य बिगड़ जाता है

मुख्य पोषक तत्वों में शामिल हैं:

  • कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrates)
  • प्रोटीन (Proteins)
  • वसा (Fats/Lipids)
  • विटामिन (Vitamins)
  • खनिज (Minerals)
  • पानी (Water)

पोषण का महत्व:

  • शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है (कार्बोहाइड्रेट, वसा, प्रोटीन)।
  • शरीर की ऊतकों को बनाने और मरम्मत करने में सहायक।
  • कार्य और खेल के लिए ऊष्मा और शक्ति प्रदान करता है।
  • शरीर की प्रक्रियाओं को नियंत्रित करने और सुरक्षा प्रदान करने में सहायक।
  • विकास और वृद्धि में सहायक।
  • रोगों की रोकथाम और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है।
  • कुपोषण और मृत्यु से बचाव करता है।

🔍 पोषण स्थिति को प्रभावित करने वाले कारक:

  1. शारीरिक और शरीर-क्रियात्मक कारक
  2. लिंग (Gender)
  3. सांस्कृतिक परंपराएं
  4. भोजन की पसंद/नापसंद
  5. धार्मिक मान्यताएं
  6. जीवनशैली
  7. आर्थिक स्थिति
  8. मानसिक स्थिति
  9. स्वास्थ्य की स्थिति
  10. पर्यावरणीय कारक
  11. अस्पताल में भर्ती होना

🩺 पोषण संबंधी जरूरतों का मूल्यांकन (Assessment of Nutritional Needs):

किसी व्यक्ति में कुपोषण के लक्षणों की पहचान के लिए पोषण स्थिति का मूल्यांकन किया जाता है। इसके मुख्य घटक हैं:


1. मानव मापन (Anthropometric Measurements):

  • बीएमआई (BMI – Body Mass Index):

  \text{BMI} = \frac{\text{वजन (किग्रा)}}{\text{लंबाई (मीटर)²}}
  • सामान्य वजन: 18.5 – 24.9
  • अधिक वजन: 25 – 29.9
  • मोटापा: BMI ≥ 30
  • ट्राइसेप्स स्किनफोल्ड मोटाई (Triceps Skinfold):
    ऊपरी भुजा की मध्य रेखा पर त्वचा की मोटाई मापी जाती है।
  • मिड-आर्म परिधि (Mid Arm Circumference):
    कंधे और कोहनी के बीच मध्य बिंदु पर मापी जाती है।
  • मिड-आर्म मसल एरिया (MAMA):
    यह लीन बॉडी मास (पतला शरीर द्रव्यमान) का अनुमान लगाने में मदद करता है।

2. जैव-रासायनिक परीक्षण (Biochemical Tests):

शरीर में पोषक तत्वों की सटीक और वस्तुनिष्ठ जानकारी देते हैं, जैसे – हीमोग्लोबिन, सीरम एल्ब्यूमिन, शुगर आदि।


3. नैदानिक मूल्यांकन (Clinical Data):

शारीरिक जांच से पोषण की कमी या अधिकता के लक्षणों की जानकारी मिलती है।


4. आहार संबंधी आदतें और डेटा (Dietary Habits and Data):

नर्स को मरीज़ से निम्नलिखित बातें पूछनी चाहिए:

  • भोजन की आदतें
  • पसंद/नापसंद
  • भोजन की आवृत्ति
  • कोई विशेष आहार या धार्मिक/सांस्कृतिक प्रतिबंध

आहार मूल्यांकन की विधियाँ:

  • 24 घंटे का भोजन स्मरण
  • भोजन आवृत्ति रिकॉर्ड
  • फूड डायरी
  • डाइट हिस्ट्री

🍽️ विशेष आहार की समीक्षा (Review of Special Diets):

बीमारियों के इलाज में विशेष आहार का उपयोग किया जाता है।


1. क्लियर लिक्विड डाइट (Clear Liquid Diet):

  • तरल पेय जैसे पानी, चाय, कॉफी, साफ जूस, शर्बत।
  • ऐसे मरीज़ों को दिया जाता है जिन्हें ठोस खाना सहन नहीं होता।

2. फुल लिक्विड डाइट (Full Liquid Diet):

  • जब मरीज़ निगल नहीं पाता, तो उसे दूध, पतली खीर, सूप, स्मूदी दी जाती है।

3. सॉफ्ट डाइट (Soft Diet):

  • पचने में आसान खाना जैसे खिचड़ी, उबली सब्जियाँ।

4. फुल डाइट (Full Diet):

  • सामान्य संतुलित आहार (शाकाहारी या मांसाहारी)।

🥗 अन्य चिकित्सकीय आहार (Therapeutic Diets):


DASH डाइट (Hypertension के लिए):

  • फल, सब्जियाँ, मछली, कम वसा वाले डेयरी उत्पाद।
  • शुगर, वसा और नमक सीमित।

वसा-नियंत्रित आहार (Fat-Restricted Diet):

  • पाचन रोगों, पित्ताशय की समस्याओं, गैस्ट्रिक रिफ्लक्स आदि में।
  • तला हुआ भोजन और अधिक वसा वाले खाद्य पदार्थों से परहेज।

सोडियम-नियंत्रित आहार (Sodium-Restricted Diet):

  • उच्च रक्तचाप, दिल की बीमारी, किडनी रोग में।
  • अचार, पापड़, नमकीन, डिब्बाबंद और नमक वाले खाद्य पदार्थ से बचें।

प्रोटीन-नियंत्रित आहार (Protein-Restricted Diet):

  • किडनी और लिवर की बीमारियों में।
  • प्रोटीन कम और ऊर्जा ज्यादा देने वाले खाद्य जैसे केला, मीठा आलू, सफेद चावल।

आयरन युक्त आहार (Iron-Rich Diet):

  • एनीमिया में उपयोगी।
  • आयरन युक्त खाद्य: हरी सब्जियाँ, अंडा, गुड़, चना, राजमा, बाजरा, चिक्की।