1. Care of Client with Dysphagia
Introduction:
- “Dysphagia” शब्द ग्रीक शब्दों “dys” (difficulty) और “phagia” (to eat/swallow) से बना है।
- इसका अर्थ है – भोजन निगलने या खाने में कठिनाई।
Causes (कारण):
- उम्र: बुजुर्गों में अधिक आम।
- स्ट्रोक का इतिहास।
- कैंसर रोगी (जिन्हें रेडिएशन या कीमोथैरेपी दी गई हो)।
- क्रेनियल नर्व की गड़बड़ी।
- पार्किंसन डिज़ीज़।
- चेहरे का लकवा (Facial paralysis)।
- इन्फेक्शन।
Nursing Care:
- सबसे पहले रोगी का सही मूल्यांकन (assessment) आवश्यक है।
- नर्स को Dysphagia की स्थिति को पहचानने और रिपोर्ट करने में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए।
- रोगी को ऐसे भोजन दिए जाएं जो नरम, आसानी से निगलने योग्य हों।
- aspiration से बचाव के लिए सिर ऊंचा करके बैठाएं।
2. Care of Client with Anorexia
Introduction:
- Anorexia एक ईटिंग डिसऑर्डर है, जिसमें व्यक्ति की भूख में अत्यधिक कमी आ जाती है।
- यह एक गंभीर मनोवैज्ञानिक स्थिति है, जिसमें व्यक्ति अपना वजन अत्यधिक कम करने के लिए भोजन से परहेज करता है।
Nursing Care:
- रोगी सामान्यतः अल्पपोषण (undernourished) का शिकार होता है।
- नर्स को चाहिए कि:
- इलेक्ट्रोलाइट संतुलन बनाए रखें।
- पोषण की ज़रूरतें पूरी करें।
- शरीर की सकारात्मक छवि को बढ़ावा दें।
- नियमित वजन जांचें।
3. Care of Patient with Nausea and Vomiting
Introduction:
- Nausea एक बेचैनी की स्थिति होती है जो उल्टी की इच्छा पैदा करती है।
- उल्टी (vomiting) अक्सर इसके बाद होती है।
Causes:
- कीमोथेरेपी
- गर्भावस्था
- फूड पॉइजनिंग या विषैले पदार्थ
- गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल बीमारी
- दुर्गंध या खराब गंध
- परिस्टाल्सिस में कमी
Nursing Care:
- रोगी का पूरा आकलन करें।
- दवाएं समय पर दें।
- रोगी को हवादार और साफ माहौल दें।
- ओरल रीहाइड्रेशन सॉल्यूशन (ORS) दें यदि डिहाइड्रेशन है।
- उचित पोषण बनाए रखें।
4. Meeting Nutritional Needs
Oral Nutrition:
- यदि रोगी स्वयं से खा सकता है तो संतुलित आहार दिया जाए।
- डॉक्टर द्वारा निर्धारित विशेष आहार जैसे – कम सोडियम, DASH डाइट आदि का पालन किया जाए।
Types of Diets:
- Vegan: केवल पौधों से प्राप्त खाद्य पदार्थ।
- Lacto-Vegetarian: पौधों और दूध से बने उत्पाद।
- Lacto-Ovo Vegetarian: दूध और अंडा शामिल, मांस नहीं।
- Ovo-Vegetarian: अंडा शामिल, दूध नहीं।
5. Enteral Nutrition (Tube Feeding)
Introduction:
- जब रोगी स्वयं से खाना नहीं खा पाता, तब तरल आहार को GI ट्रैक्ट के ज़रिए ट्यूब द्वारा दिया जाता है।
Nasogastric Tube:
- यह एक पतली ट्यूब होती है, जो नाक के रास्ते पेट में डाली जाती है।
Indications:
- पाचन रुकावट (bowel obstruction)
- पेट से गैस या द्रव निकालना
- जहर या रक्तस्राव के मामलों में पेट साफ करना
- पोषण देना
Articles Required:
- ड्रा शीट, मकिन्टोश
- नोजल ट्यूब (14–16 फ्रेंच)
- स्टरल ग्लव्स
- 20ml सिरिंज
- स्नेहक जेल
- पानी, ग्लास, पेपर बैग
- स्टेथोस्कोप, pH स्ट्रिप
Pre-procedure Care:
- रोगी की सहमति लें।
- सभी सामग्री पास रखें।
- रोगी को हाई फाउलर पोजीशन में बैठाएं।
- प्रक्रिया को समझाएं।
6. Parenteral Nutrition
Introduction:
- जब मुंह से भोजन देना संभव न हो, तो शिराओं के माध्यम से पोषण (IV) दिया जाता है।
Types:
- TPN (Total Parenteral Nutrition)
- PPN (Partial Parenteral Nutrition)
Components of TPN:
- कार्बोहाइड्रेट्स: 60–70%
- लिपिड्स (वसा): 30%
- प्रोटीन/एमिनो एसिड: 15–20%
- विटामिन, मिनरल, जल, इलेक्ट्रोलाइट्स
- इंसुलिन और हेपारिन (यदि आवश्यक हो)
Indications:
- गंभीर कुपोषण
- पाचन संबंधी रोग जैसे अल्सरेटिव कोलाइटिस
- कीमोथेरेपी के रोगी
- पोस्ट सर्जिकल क्लाइंट
- मुंह से भोजन करने में असमर्थ रोगी
Route:
- Peripheral (बाह्य)
- Central (मध्य शिरा)
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