Femur bone फीमर (जांघ की हड्डी)


1. परिचय

  • फीमर मानव शरीर की सबसे लंबी और मजबूत हड्डी है।
  • यह जांघ में स्थित होती है और कूल्हे (प्रॉक्सिमल) को घुटने (डिस्टल) से जोड़ती है।
  • यह लंबी हड्डी (Long Bone) की श्रेणी में आती है (इसमें डायाफिसिस और दो एपिफिसिस होते हैं)।

2. फीमर की शारीरिक संरचना

A. प्रॉक्सिमल सिरा (Upper End)

  1. हेड (शीर्ष)
  • गोलाकार और हायलिन कार्टिलेज से ढका होता है।
  • यह एसिटैबुलम (कूल्हे की हड्डी) के साथ जुड़कर हिप जॉइंट बनाता है।
  • इसमें फोविया कैपिटिस नामक एक छोटा गड्ढा होता है, जहाँ लिगामेंटम टेरेस जुड़ता है।
  1. नेक (गर्दन)
  • हेड को शाफ्ट से जोड़ती है।
  • झुकाव कोण: ~125° (महिलाओं में कम)।
  • आम फ्रैक्चर साइट (खासकर ऑस्टियोपोरोसिस में – फीमोरल नेक फ्रैक्चर)।
  1. ग्रेटर ट्रोकैंटर
  • बड़ा, बाहरी उभार
  • जुड़ने वाली मांसपेशियाँ:
    • ग्लूटियस मीडियस और मिनिमस (बाहरी सतह)।
    • पिरिफॉर्मिस (ऊपरी किनारे पर)।
  1. लेसर ट्रोकैंटर
  • छोटा, भीतरी और पिछला उभार
  • जुड़ने वाली मांसपेशी:
    • इलियोप्सोअस टेंडन (हिप को मोड़ने वाली प्रमुख मांसपेशी)।
  1. इंटरट्रोकैंटरिक लाइन (सामने) और क्रेस्ट (पीछे)
  • लाइन (सामने): इलियोफीमोरल लिगामेंट जुड़ता है।
  • क्रेस्ट (पीछे): क्वाड्रैटस फीमोरिस मांसपेशी जुड़ती है।

B. शाफ्ट (बॉडी)

  • क्रॉस-सेक्शन में त्रिकोणीय (पीछे लाइनिया एस्पेरा नामक खुरदरी रेखा होती है)।
  • जुड़ने वाली मांसपेशियाँ:
  • वास्टस लेटरलिस और मीडियालिस (किनारों पर)।
  • एडक्टर मांसपेशियाँ (लाइनिया एस्पेरा पर जुड़ती हैं)।
  • पेक्टिनियस (स्पाइरल लाइन पर)।

C. डिस्टल सिरा (Lower End)

  1. मीडियल और लेटरल कॉन्डाइल
  • टिबिया के साथ जुड़कर घुटने का जोड़ बनाते हैं।
  • पीछे इंटरकॉन्डाइलर फोसा द्वारा अलग होते हैं।
  1. एपिकॉन्डाइल्स
  • मीडियल एपिकॉन्डाइल: एडक्टर मैग्नस जुड़ता है।
  • लेटरल एपिकॉन्डाइल: फिबुलर कॉलेटरल लिगामेंट जुड़ता है।
  1. पटेलर सतह
  • पटेला (घुटने की चक्की) के साथ जुड़ने वाली चिकनी सतह।

3. फीमर का रक्त संचरण

  • मुख्य स्रोत:
  • मीडियल और लेटरल सर्कमफ्लेक्स फीमोरल धमनियाँ (प्रोफंडा फीमोरिस से निकलती हैं)।
  • न्यूट्रिएंट आर्टरी (लाइनिया एस्पेरा के पास प्रवेश करती है)।
  • फीमोरल हेड का रक्त संचरण:
  • रेटिनैक्युलर धमनियाँ (सर्कमफ्लेक्स फीमोरल से) – सबसे महत्वपूर्ण
  • लिगामेंटम टेरेस की धमनी (कम महत्वपूर्ण)।

क्लिनिकल नोट:

  • फीमोरल नेक फ्रैक्चर से रक्त की आपूर्ति बाधित हो सकती है → एवैस्क्युलर नेक्रोसिस (AVN)

4. फीमर का अस्थिकरण (Ossification)

  • प्राथमिक अस्थिकरण केंद्र: शाफ्ट (गर्भावस्था के 8वें सप्ताह में)।
  • द्वितीयक केंद्र:
  • हेड (~1 वर्ष)।
  • ग्रेटर ट्रोकैंटर (~4 वर्ष)।
  • लेसर ट्रोकैंटर (~12 वर्ष)।
  • संयोजन: ~18 वर्ष (सभी केंद्र आपस में जुड़ जाते हैं)।

5. क्लिनिकल महत्व

A. फीमर के फ्रैक्चर

  1. फीमोरल नेक फ्रैक्चर
  • बुजुर्गों में आम (ऑस्टियोपोरोसिस के कारण)।
  • गार्डन क्लासिफिकेशन द्वारा वर्गीकृत।
  • AVN का खतरा (रक्त आपूर्ति बाधित होने से)।
  1. इंटरट्रोकैंटरिक फ्रैक्चर
  • अधिक स्थिर (बेहतर रक्त आपूर्ति)।
  • डायनामिक हिप स्क्रू (DHS) से इलाज।
  1. शाफ्ट फ्रैक्चर
  • हाई-एनर्जी ट्रॉमा के कारण होता है।
  • डिफॉर्मिटी: लंबाई कम होना, बाहर की ओर घूमना (मांसपेशियों के खिंचाव से)।

B. हिप डिस्लोकेशन

  • पोस्टीरियर डिस्लोकेशन (कार एक्सीडेंट में आम)।
  • लक्षण:
  • टांग छोटी, अंदर की ओर मुड़ी हुई।
  • साइटिक नर्व इंजरी संभव।

C. ट्रेंडेलेनबर्ग गेट

  • ग्लूटियस मीडियस की कमजोरी (ग्रेटर ट्रोकैंटर से जुड़ी)।
  • चलते समय विपरीत तरफ पेल्विस का नीचे गिरना

6. याद रखने के टिप्स (Mnemonics)

  • “ग्रेटर ट्रोकैंटर पर पिरिफॉर्मिस बैठती है” → पिरिफॉर्मिस मांसपेशी यहाँ जुड़ती है।
  • “लाइनिया एस्पेरा = एडक्टर मांसपेशियों का हाईवे” → एडक्टर मसल्स यहाँ अटैच होती हैं।
  • “फीमोरल हेड की ब्लड सप्लाई: रेटिनैक्युलर धमनियाँ सबसे जरूरी!”

7. सारांश तालिका

भागमहत्वपूर्ण विशेषताएँक्लिनिकल महत्व
हेडएसिटैबुलम के साथ जुड़ता हैफ्रैक्चर में AVN का खतरा
नेकहेड को शाफ्ट से जोड़ती हैबुजुर्गों में आम फ्रैक्चर
ग्रेटर ट्रोकैंटरग्लूटियस मीडियस/मिनिमस जुड़ती हैट्रेंडेलेनबर्ग गेट की वजह
लेसर ट्रोकैंटरइलियोप्सोअस जुड़ती हैहिप फ्लेक्सन में महत्वपूर्ण
लाइनिया एस्पेराएडक्टर मसल्स अटैच होती हैंशाफ्ट फ्रैक्चर में डिफॉर्मिटी

परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण बिंदु

  • शरीर की सबसे लंबी हड्डी
  • फ्रैक्चर के आम स्थान: नेक, इंटरट्रोकैंटरिक, शाफ्ट।
  • हेड का रक्त संचरण बेहद महत्वपूर्ण
  • हिप और नी जॉइंट्स से जुड़ाव

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *