मादा प्रजनन तंत्र (Female Reproductive System)


✨ अध्याय 2 – मादा प्रजनन तंत्र (Female Reproductive System)


🔹 प्रजनन (Reproduction) क्या है?

परिभाषा:
प्रजनन एक ऐसी प्रक्रिया है जिससे कोई जीव (जैसे – इंसान, पशु या पौधा) अपने जैसे ही नए जीव पैदा करता है। इससे जाति या प्रजाति बनी रहती है।

प्रजनन के प्रकार:

  1. लैंगिक प्रजनन (Sexual Reproduction): इसमें नर और मादा दोनों की आवश्यकता होती है।
  2. अलैंगिक प्रजनन (Asexual Reproduction): इसमें केवल एक जीव से ही बच्चा बनता है, बिना किसी और की मदद के।

🔹 मादा प्रजनन तंत्र (Female Reproductive System)

मादा प्रजनन तंत्र को तीन भागों में बाँटा जाता है:

  1. बाहरी अंग (External Genitalia)
  2. अंदरूनी अंग (Internal Organs)
  3. सहायक अंग (Accessory Organs)

✅ I. बाहरी जनन अंग (External Genitalia)

इन अंगों को मिलाकर वल्वा (Vulva) कहा जाता है। ये शरीर के बाहर दिखाई देते हैं।

  1. मॉन्स प्यूबिस (Mons Pubis):
    योनि के ऊपर की चर्बीयुक्त जगह होती है, जहां बाल होते हैं।
  2. लेबिया मैजोरा (Labia Majora):
    मोटे और बड़े होठ जैसे बाहरी भाग होते हैं। बाल होते हैं और यह अंदर के अंगों को ढकते हैं।
  3. लेबिया माइनोरा (Labia Minora):
    यह पतले और छोटे अंदरूनी होठ होते हैं। ये संवेदनशील होते हैं।
  4. क्लिटोरिस (Clitoris):
    यह बहुत ही संवेदनशील छोटा उभार होता है। यह यौन उत्तेजना में काम करता है।
  5. वेस्टीब्यूल (Vestibule):
    यह वह जगह होती है जहां से मूत्र मार्ग, योनि, और ग्रंथियाँ खुलती हैं।

✅ II. अंदरूनी जनन अंग (Internal Reproductive Organs)

1. योनि (Vagina):

  • यह एक नली के जैसी होती है (लगभग 8–9 सेमी लंबी)।
  • यही मैथुन, मासिक धर्म और प्रसव (delivery) के समय उपयोग में आती है।
  • इसे “जन्म मार्ग” (Birth Canal) भी कहते हैं।

योनि की परतें (Layers):

  1. अंदरूनी परत – म्यूकोसा
  2. उप-परत – सबम्यूकोसा
  3. पेशीय परत – मांसपेशियाँ
  4. बाहरी परत – फाइब्रोस

2. गर्भाशय (Uterus):

  • नाशपाती जैसा अंग, जहां भ्रूण का विकास होता है।
  • यह मूत्राशय और मलद्वार के बीच में होता है।

गर्भाशय के भाग:

  • फंडस: ऊपरी भाग
  • बॉडी: मुख्य हिस्सा
  • इस्थमस: बीच का पतला भाग
  • सर्विक्स: निचला भाग, योनि से जुड़ता है

गर्भाशय की परतें:

  1. पेरिमीट्रियम: सबसे बाहर की परत
  2. मायोमीट्रियम: मांसपेशियों की परत (प्रसव में सहायक)
  3. एंडोमीट्रियम: सबसे अंदर की परत (मासिक धर्म में झड़ती है)

3. अंडवाहिनी (Fallopian Tubes):

  • दो पतली नलियाँ जो गर्भाशय और अंडाशय को जोड़ती हैं
  • यहीं पर निषेचन (fertilization) होता है
  • लंबाई: लगभग 10 सेमी

भाग:

  • इन्फंडिबुलम: बाहर की ओर खुला सिरा, फिम्ब्रिया से युक्त
  • एम्पुला: सबसे चौड़ा हिस्सा, यही पर निषेचन होता है
  • इस्थमस: पतला भाग
  • इंट्राम्यूरल: गर्भाशय की दीवार से जुड़ा भाग

4. अंडाशय (Ovaries):

  • मादा के दो मुख्य जनन अंग होते हैं, एक-एक दोनों तरफ
  • ये अंडाणु (Ovum) बनाते हैं
  • ये हार्मोन (एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन) भी बनाते हैं

अंडाशय के भाग:

  • कॉर्टेक्स: बाहरी हिस्सा, जहां अंडाणु बनते हैं
  • मेडुला: अंदरूनी हिस्सा, जिसमें रक्त और नसें होती हैं

✅ III. सहायक अंग (Accessory Organs)

  1. बार्थोलिन ग्रंथि:
    योनि के पास की ग्रंथियाँ जो चिकनाई बनाती हैं।
  2. स्कीन ग्रंथि:
    मूत्र मार्ग के पास, यह भी लुब्रिकेशन में मदद करती है।
  3. स्तन (Breasts):
    शिशु के लिए दूध बनाने का काम करते हैं।
    प्रत्येक स्तन में 15-20 दूध की नलिकाएं होती हैं।

✅ मादा प्रजनन तंत्र के मुख्य कार्य:

  1. अंडाणु (Ovum) का निर्माण
  2. हार्मोन (Estrogen, Progesterone) का स्राव
  3. निषेचन (Fertilization) को संभव बनाना
  4. भ्रूण को विकसित करना
  5. बच्चे को जन्म देना
  6. जन्म के बाद दूध देना

📚 नर्सिंग छात्रों के लिए उपयोगी बातें:

  • मासिक धर्म, गर्भावस्था और प्रसव की समझ बढ़ती है
  • महिला स्वास्थ्य शिक्षा में मदद
  • प्रसवपूर्व और प्रसव के बाद देखभाल में सहायक
  • स्तनपान और नवजात देखभाल में जानकारी

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