औषध मात्रा (Aushadha Matra – Drug Dosage)

प्रकरण: औषध मात्रा निर्धारण एवं अनुपान विज्ञान
(Topic: Drug Dosage Determination & Anupana Science)


1. औषध मात्रा (Aushadha Matra – Drug Dosage)

मात्रा निर्धारण के आधार (Factors Determining Dosage)

चरकसंहिता (च.सू. 1/37) अनुसार:

“स्थितिर्नास्त्येव मात्रायाः कालमात्रं बलं तथा। प्रकृतिं दोषदेशौ च दृष्ट्वा मात्रां प्रकल्पयेत्॥”
(Dosage depends on time, strength, constitution, dosha imbalance, and geographical region.)

(A) अग्निबलानुसार (Based on Digestive Capacity)

अग्नि प्रकारऔषध मात्रा (Dosage)
मन्दाग्नि (Weak)अल्प मात्रा (Low dose)
तीक्ष्णाग्नि (Sharp)मध्यम मात्रा (Moderate)
विषमाग्नि (Irregular)सावधानीपूर्वक (Cautious dosing)

(B) आयुवर्गानुसार (Based on Age)

आयु वर्गऔषध मात्राविशेष निर्देश
बाल्यावस्था (1-16 yrs)
  • क्षीरप (1 month–1 yr) → अंगुलिपर्वमात्रा (Coated on mother’s nipple)
  • क्षीरान्नद (1–2 yrs) → कोलास्थिमात्रा (Size of a berry seed)
  • अन्नद (3–16 yrs) → कोलमात्रा (Berry-sized)
    | युवावस्था (16–60 yrs) | मध्यम-उच्च मात्रा |
    | वृद्धावस्था (60+ yrs) | अल्प मात्रा |

(C) प्रकृतिगत मात्रा (Dosage by Body Constitution)

  • वातप्रकृति → घृत/मधु अनुपान, उष्ण औषध, मध्यम मात्रा
  • पित्तप्रकृति → शीत औषध, मधुर अनुपान, अल्प मात्रा
  • कफप्रकृति → तीक्ष्ण औषध, उष्ण अनुपान, उच्च मात्रा

(D) औषध कल्पानुसार मात्रा (Standard Adult Dosage)

औषध रूपमात्राआधुनिक मात्रा
रस/भस्म1-3 रत्ती125–375 mg
वटी/गुटिका½-1 गुंजा250–500 mg
चूर्ण3-6 ग्राम3–6 g
क्वाथ24-48 मिली24–48 ml
अवलेह12-24 ग्राम12–24 g
घृत/तैल12-24 मिली12–24 ml

2. औषध सेवन काल (Time of Drug Administration)

“भैषज्यकालो भुक्तादौ मध्ये पश्चान्मुहुर्मुहुः। सामुद्रं भक्तसंयुक्तं ग्रासग्रासान्तरेऽपि च॥” (च.चि. 30/298)

क्रमसेवन कालप्रयोग (Use)उदाहरण (Example)
1अभक्त (Empty stomach)कफरोग, बलवान रोगीत्रिफला चूर्ण
2प्राग्भक्त (Before food)अपानवायु विकार (मूत्रकृच्छ, अर्श)एरण्ड तैल
3मध्यभक्त (With food)समानवायु विकार (ग्रहणी, अजीर्ण)हिंग्वाष्टक चूर्ण
4सभक्त (Mixed with food)अरुचि, बालकच्यवनप्राश
5पश्चाद्भक्त (After food)व्यान-उदान वायु विकार (हिचकी, श्वास)शंखपुष्पी
6सामुद्र (Pre & Post meal)वातविकार (कम्प, आक्षेप)अश्वगंधा
7मुहुर्मुहुः (Frequently)विषविकार, छर्दिकुष्ठारिष्ट

3. अनुपान विज्ञान (Anupana – Drug Adjuvant)

“अनुपानं तर्पयति, ऊर्जयति, बृंहयति…” (च.सू. 27/325)
(Anupana enhances drug absorption, digestion, and efficacy.)

(A) रोगानुसार अनुपान (Disease-Specific Anupana)

रोगअनुपान
वातव्याधिलशुन + गुग्गुलु
पित्तज्वरमुस्ता क्वाथ
कफज रोगशुण्ठी + मधु
अनिद्राद्राक्षा + क्षीर
अम्लपित्तखदिरसार जल
श्वासवासा + कण्टकारी रस

(B) औषधानुसार अनुपान (Drug-Specific Anupana)

औषधअनुपान
हरितकीसैन्धव + गुड़
त्रिफलाउष्ण जल
भल्लातकगोमूत्र
कुटजावलेहमधु + जल

4. सामान्य निर्देश (General Guidelines)

  1. अल्प मात्रा → अग्निमांद्य, बालक, वृद्ध
  2. मध्यम मात्रा → सामान्य रोगी, युवा
  3. उच्च मात्रा → तीक्ष्ण औषध, कफज रोग
  4. अनुपान अभावेउष्ण जल सर्वोत्तम

“यथादोषं यथाबलं यथाकालं च भेषजम्। दीयते हि तदा सिद्धिं यात्यन्यथा विपर्ययः॥”
(Medicine succeeds only when given in proper dose, time, and strength.)


॥ समाप्तम् ॥
(End of Notes)

© Ayurveda Medical Student Guide
(For Educational Purposes Only)

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